रिपोर्ट - गाँधी मेरे लिए 'रॉक स्टार' :

आर हर प्रकार का 'गांधी जी मेरे लिए रॉकस्टार हैं। निर्भीक रहना और हर प्रकार का डर निकाल कर अपनी स्वतंत्रता से जीना मैंने उनसे सीखा।' प्रसिद्ध अभिनेता और रंग निर्देशक एम के रैना ने ये बातें इलाहाबाद विश्वविद्यालय में हुए विशिष्ट वयाख्यानमाला के तहत आयोजित व्याख्यान में कहीं


      विश्वविद्यालय की केंद्रीय सांस्कृतिक समिति द्वारा आयोजित इस विशिष्ट व्याख्यान में श्री रैना ने अपने द्वारा निर्देशित चार प्रस्तुतियों 'स्टे येट अ व्हाइल', 'हत्या एक आकार की', 'बाबला और बापू' और 'द ग्रेट ट्रायल' के हवाले से गांधी जी के विभिन्न आयामों पर चर्चा की, जिसमें टैगोर से उनके सम्बन्ध, बच्चों के प्रति उनके लगाव और देशद्रोह के लिए चले एक मुकदमे की चर्चा थी। इस मुक़दमे में गांधी जी ने अपने ऊपर लगे आरोपों को स्वीकारते हुए असहयोग के महत्त्व पर अदालत में ही बयान दिया था। उन्होंने कहा औपनिवेशकता का प्रभाव आज भी हम पर हावी है और इससे हम अपनी चीजों को भूलते जा रहे हैं जिसके बारे में गांधी जी ने आगाह किया था। गाँधी ने अपने समय में सत्य हरिश्चन्द्र नाटक का मंचन देखा था और उसकी प्रशंसा की थी और लोगों को प्रेरणा लेने की नसीहतें दी थी।


    कार्यक्रम में एम के रैना का स्वागत केंद्रीय सांस्कृतिक समिति के अध्यक्ष प्रो. अजय जैतली ने किया। अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. आर. एल. हांगलू ने कहा कि गांधी जी रंगमंच और गांधी पर वक्तव्य के जन्म के डेढ़ सौंवें साल में एम के रैना द्वारा दिया गया रंगमंच और गांधी पर वक्तव्य गांधी जी पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की श्रृंखला की सार्थक शुरुआत है और उन्होंने समिति से कहा कि वह ऐसे आयोजन लगातार करे। क्योंकि यह सही समय है कि गांधी जी पर अलगअलग कोण से विचार विमर्श किया जाए। एम के रैना का परिचय हिंदी विभाग के प्राध्यापक डॉ. अमितेश कुमार ने दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. कुमार वीरेन्द्र ने किया और धन्यवाद ज्ञापन करते हुए प्रो. सन्तोष भदौरिया ने गांधी जी पर दो अक्टूबर से आयोजित होने वाले 'गांधी सप्ताह' की रूपरेखा भी बताईं।


    एम के रैना ने छात्रों के साथ बातचीत भी की और उनके सवालों के जवाब भी दिए। यूनिवर्सिटी थियेटर से जुड़े राशि, श्रेया, पार्थ, राज, रुद्र, चन्दन, नितेश, प्रकाश आदि ने रंगमंच और गांधी से जुड़े बहुतेरे सवाल पूछे, जिनका रैना ने विस्तार से जवाब दिया।


    कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो. रामसेवक दुबे, डीएसडब्ल्यू प्रो. हर्ष कुमार, पीआरओ चितरंजन कुमार, प्रो. मुश्ताक अली, हिंदी विभाग की अध्यक्ष प्रो. चन्दा देवी, प्रो. प्रणय कृष्ण, प्रो. सुनीत द्विवेदी, डॉ. बसंत त्रिपाठी, डॉ. लक्ष्मण प्रसाद गुप्ता, प्रवीण शेखर, नीलम शंकर, असरार गांधी समेत शहर के गणमान्य साहित्यकार, रंगकर्मी तथा बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।


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ग्रेटर नोएडा : कोरोना वायरस का कहर जिले में अभी रूकने का नाम नहीं ले रहा है। इस खतरनाक संक्रमण ने अब नोएडा ग्रेटर नोएडा के बाद जिले के गांवों में भी पैर पसारने शुरू कर दिए हैँ। कोरोना के इसी संकट के चलते अब ग्रेटर नोएडा के घोड़ी बछेड़ा गांव को भी तीन दिन के लिए सील किया जा सकता है। क्योंकि सोमवार सुबह गांव में ही रहने वाले एक व्यक्ति को कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है। जिसके बाद जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 33 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार घोड़ी गांव एक व्यक्ति की बीते कई दिनों तबियत खराब चल रही थी। जिसमें उसे कोरोना वायरस के कुछ लक्ष्ण दिखाई पड़ रहे थे। इसी बीच सरकार द्वारा कुछ निजी पैथ लैब को कोरोना की जांच की अनुमति प्रदान की गई। जिसपर घोड़ी के इस व्यक्ति ने लाल पैथ लैब से अपनी जांच कराई थी। सोमवार सुबह मिली इस जांच रिपोर्ट में पीडित को कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है। फिलहाल इस कोरोना संक्रमण से पीडित व्यक्ति का ग्रेटर नोएडा के जिम्स अस्पताल में भर्ती कर इलाज चल रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार घोड़ी बछेडा का यह कोरोना संक्रमित व्यक्ति नोएडा के गढ़ी चौखंडी गांव में अपना निजी डिपार्टमेंटल स्टोर चलाता है। ऐसे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि उसे यह संक्रमण किस व्यक्ति के संपर्क में आने से हुआ है। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग की टीमों को घोड़ी बछेड़ा भेजे जाने की तैयारी चल रही है। जहां स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी घर घर जाकर लोगों से उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी जुटाएंगे। इसके अलावा पीडित व्यक्ति के परिवार के अन्य सदस्यों के सैंपल भी जांच के लिए भेजे जा सकते हैं।
ग्रेटर नोएडा के घोड़ी बछेड़ा गांव में मिला कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति ।
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